रामायण संदर्शन

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Sunday, November 2, 2008

चिट्ठा चर्चा: रविवार्ता : वाह सजण..... वाह सजण

चिट्ठा चर्चा: रविवार्ता : वाह सजण..... वाह सजण
इसे कहते हैं - ब्रेनटीज़िंग! भई, चिट्ठा हो या पट्ठा, रहेगी चिट्ठाचर्चा ही न!

2 comments:

  1. मैने केवल एक ही ब्लॉग देखा है जिसमे टिप्पणी करने वालों के लिए इतने सारे दिशा निर्देश दिए गये हैं. आपने लिखा है कि लिंक के साथ भेजी गयी टिप्पणी को अपवाद स्वरूप ही ही प्रकाशित किया जाएगा. जब कि गूगले खाते का सहारा लें तो लिंक बनता ही है. मेरी बात माने तो ये सब नियमावली हटा दें. किसी भी टिप्पणी को प्रकाशित करने के पूर्ब् आप स्वयं जाँच लें और आपको अच्छा नहीं लगता तो प्रकाशित ना करें. आभार.

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  2. इतनी शर्तों के साथ अपनी बात कह पाना ना मुमकिन है । शर्तें और प्रतिक्रिया ,मानो एक म्यान में दो तलवार ।

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