भीतानाम् भीतिनाशनं
द्विषताम् कालदण्डं तं
रामचन्द्रं नमाम्यहम्
अयि गिरिनंदिनि नंदितमेदिनि
विश्वविनोदिनि नन्दनुते
गिरिवरविन्ध्य शिरोधिनिवासिनि
विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते
भगवति हे शितिकंठ कुटुम्बिनि
भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि
रम्यकपर्दिनि शैलसुते
विजया दशमी की अनंत शुभ कामनाएं !!!
> ऋषभ
> ऋषभ
आपको भी विजयादशमी की अनन्त शुभकामनाएँ !!
ReplyDeleteविजय दशमी पर्व की बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं.
ReplyDeleteआपको विजया दशमी की बधाई एवँ शुभकामना, परिवार सह:
ReplyDelete- लावण्या
आप तीनों के प्रति 'रामायण संदर्शन' परिवार
ReplyDeleteआभारी है.
संपर्क बना रहे.
>ऋ.